...जो कार्य आरंभ करते हो उसमे पहले द्रढ़ संकल्प का बीज डालो, उसका फल निकलना ही है। 19/10/11
...बापदादा ने दो बातें कही थी कि सेकंड में फुलस्टाप लगाने वाले बच्चे चाहिए। व्यर्थ संकल्पों का नाम निशान न रहे।जिसको भी सन्देश देते वह सन्देश सुन परिवर्तन करने के उमंग उत्साह में आ जाएँ।अब बापदादा यह रिजल्ट चाहतें हैं।इसके लिए बापदादा बच्चों को राय देते हैं , आज्ञा भी करतें हैं, कि सेवा करते हो लेकिन जिनकी भी सेवा करते हो , एक ही समय पर तीन रूपों और तीन रीति से सेवा करो।तीन रूप नालेजफुल , पावरफुल और लवफुल , इन तीन रूपों से सेवा करो और तींनो रीति से सेवा करो,वह तीन रीति हैं मन्सा - वाचा - कर्मणा एक ही समय , सिर्फ वाणी से सेवा नहीं लेकिन वाणी के साथ मन्सा सेवा भी साथ साथ हो। पावरफुल माइंड हो।
...तो बापदादा के कहने का यही सार है कि अभी हर एक को अपना तीव्र पुरुषार्थ कर और द्रढ़ संकल्प करना है कि मुझे बाप सामान बनना ही है ... 15/11/11
बापदादा ने पहले भी सुनाया है कि दो बातों का विशेष अटेंशन दो। दो बातें कौन सी ? याद है ना ! एक समय और दूसरा संकल्प।संकल्प व्यर्थ न जाये, समय व्यर्थ न जाये।एक एक सेकेण्ड सफल हो।
...अभी यही विशेष अटेंशन दो, अपने आप अपना प्रोग्राम बनाओ, जिसमे सारा दिन मन को बिजी रखो।
...अभी हर को दृढ संकल्प कर रोज बापदादा को अपनी रिजल्ट सारे दिन की कैसी देनी है ? तीव्र पुरुषार्थ की।
....रहम दिल बनो। दुखियों को सुख का रास्ता बताओ , चाहे मन्सा से चाहे वाचा से, चाहे सम्बन्ध - सम्पर्क से। अपना परिवार है ना ! तो परिवार का दुःख मिटाना है। रहम दिल बनो।
...हर एक को वारिस निकलने की जिम्मेवारी है। 31/11/11
... एक जन्मों में अनेक जन्मों की प्रालब्ध बनानी है इसलिए बापदादा ने इशारा दिया था तो संगम के समय में दो बातों का हर समय अटेंशन देना है। वह दो बातें तो याद होंगी - समय और संकल्प।
बापदादा ने पहले भी इशारा दिया है की अभी समय अनुसार तीव्र पुरुषार्थी बनने की आवश्यकता है। तीव्र पुरुषार्थी बनने के लिए मुख्य पुरुषार्थ है सेकेण्ड में बिंदी लगाना।सेकेण्ड और बिंदी दोनों सामान।15/12/11
मन के लिए यह दृढ संकल्प करना है कि कभी भी किसी के प्रति भी किसी भी सरकमस्टांस प्रमाण कोई भी संकल्प न कर सदा हर आत्मा के प्रति शुभ भावना, शुभ कामना रखनी ही है।
...बापदादा इस पुराने वर्ष के साथ इस वृत्ति वा दृष्टि को हर बच्चे से विदाई चाहते है।
..अमृतवेले जब याद में बैठते हो जब उठने का समय होता है उस समय बापदादा का यह वरदान अपने दिल में याद रखना तीव्र पुरुषार्थी भव।
फ़रिश्ता बनना ही है यह दृढ संकल्प हर एक अपने आप से करे क्योंकि अपने आप से करेंगे तो अटेंशन रहेगा। 31/12/11
....अभी तीव्र पुरुषार्थी बनना और बनाना , संपन्न बनना और बनाना, इस प्वाईंट के ऊपर भी अभी स्वयं भी उमंग-उत्साह में रहना और वायुमंडल में भी उमंग-उत्साह दिलाना।
..अमृतवेले को पवारफुल बनाओ।
..मन को ऐसे चलाओ जैसे पांव और बांह को चलाते हो। ...पुरुषार्थ सब कर रहे हैं लेकिन अभी एड करो तीव्र।करना ही है, करेंगें , देखेंगें... यह गे-गे नहीं चलेगा।
..कभी भी कोई भी बहने अपने आप को सिर्फ शक्ति नहीं , शिवशक्ति समझो। शिवशक्ति , बाप साथ है। पांडव से पांडवपति साथ है। 18/1/12
पहले भी सुनाया अब ज्वालामुखी योग की आवश्यकता है, जिससे डबल काम होगा।एक तो अपने पुराने संस्कार का संस्कार हो जायेगा, अभी संस्कारों को मारते हो लेकिन जलाते नहीं हो। मरने के बाद फिर भी कभी-कभी वह जाग जातें हैं। जैसे रावण को सिर्फ मारा नहीं, जलाया। ऐसे आप भी अपने पुराने संस्कारों को जो बीच-बीच में तीव्र पुरुषार्थ में कमी कर देते हैं,उसके लिए ज्वालामुखी योग की आवश्यकता है।एक स्वंय के लिए और दूसरा ज्वालामुखी योग औरों को भी लाइट रूप होने के कारण , माईट रूप होने के कारण को उन्हों को भी किरणों द्वारा सहयोग दे सकते हो।
...बापदादा चाहता है एक -एक बच्चा ऐसा खुशनुमा , खुशनशीब दिखाई दे, चेहरे चलन से क्योंकि समय प्रमाण अभी आपका चेहरा बहुत सेवा करेगा। 2/2/12
...बाप भी चाहतें है कि अभी गेट खोलने के लिए सभी बच्चों को बेहद की वैराग्य वृति चाहिए। यही चाबी है गेट खोलने की। 19/2/12
...बापदादा आज स्पष्ट सुना रहे हैं ,कि आप और बातें नहीं सोचो यह कैसे होगा, यह क्या होगा, आप अपने को योग्य आत्मा बनाओ। कर्मयोगी आत्मा बनाओ।बाकी बाप हर बच्चे को ऐसा योग्य बच्चा जो बनेगा उसको सर्व प्राप्ति का वरदान भी दे के आगे बढ़ाएगा,पीछे नहीं रखेगा।
...बापदादा हर बच्चे को यही शिक्षा देने चाहते हैं कि सदा खुश रहो और ख़ुशी बांटो। जितनी ख़ुशी बांटेगें उतनी ख़ुशी बढ़ेगी।आपको खुशनुमा देख दुसरे भी 5 मिनट के लिए तो खुश होवें।दुखी आत्माएं अगर आपको देख करके 5 मिनट भी खुश हो जाएँ तो उन्हों के लिए तो बहुत दिलपसंद बात है।
...बापदादा सभी के लिए कहतें हैं कि बीच बीच में समय निकाल के चाहे पुराने चाहे नये सभी को एकदम अशरीरी बनने की जरुर करनी है क्योंकि आने वाले समय में सेकेण्ड में अशरीरी बनना ही पड़ेगा। 20/3/12
...यह 5 - 6 मास आप सभी को विश्व के आगे दुखी आत्माओं को पावरफुल वृति द्वारा सुख शांति की किरणे देनी हैं। इसी में ही अपना मन बिजी रखना है।
...इस सीजन में बापदादा ने पहले भी कहा है कि दो बातों का ध्यान रखना है एक तो संकल्प दूसरा समय।
...समय और संकल्प को सफल करना ही है।व्यर्थ नहीं जाये। 3/4/12