शनिवार, 23 जून 2012

बापदादा द्वारा अलौकिक ज्ञानरत्नों की अलौकिक व्याख्या

तीव्र पुरुषार्थी अर्थात बापदादा की आशाओं को पूर्ण प्रैक्टिकल करने वाले।  15/12/11

ज्वालामुखी योग अर्थात लाईट माईट स्वरूप शक्तिशाली।  31/1211


व्यर्थ समय संकल्प को बचाना अर्थात समाप्ति का समय समीप लाना।
वारिस का अर्थ ही है स्नेह सहयोग और सेवाधारी।   19/2/12


संकल्प किया और हुआ इसको कहा जाता है दृढ संकल्प।    5/3/12 

मंगलवार, 19 जून 2012

संगम युग ( वर्तमान समय ) का महत्व

इस समय इस छोटे से जन्म में 21 जन्म की प्राप्ति निश्चित है।तो सोचो संगम का छोटा सा जनम एक एक मिनट कितना महान है।हिसाब लगाओ, इस जनम में 21 जनम का राज्य भाग्य लेना है तो संगम का एक मिनट भी कितना वैल्युबुल है।   30/11/11


...समय का अटेंशन रखें।यह सोचो कि सभी को इस संगम समय में भविष्य बहुत समय की सफलता प्राप्त करनी है। 21 जन्म का वर्सा लेना है। तो कहाँ  यह एक जन्म और कंहाँ 21 जन्म।     31/12/1


...अब संगम का समय कितना श्रेष्ठ सुहावना है, इस संगम के समय ही सर्व खजाने बाप द्वारा  प्राप्त होते हैं, संगम का एक एक सेकेण्ड महान है इसलिए संगम का मूल्य सदा अपने बुद्धि में रखो।    2/2/12


...सदा अमृतवेले यह स्मृति में रखो कि यह संगम का एक-एक दिन कितना महान है।इस छोटे से जन्म में 21 जन्म  की प्राप्ति गेरेंटी है।तो एक एक दिन का कितना महत्व हुआ ! कहाँ 21 जन्म और कहाँ यह छोटा सा एक जन्म।    19/1/12


...संगमयुग के हर घडी की बहुत वैल्यू है। संगम युग की एक घडी अवनाशी हो जाती है क्योंकि हर घडी का 21 जन्मों के साथ सम्बन्ध है। अब की एक घडी का सम्बन्ध 21 जन्मों के साथ है।तो चेक करो एक घडी अगर व्यर्थ गई तो एक जन्म की बात नहीं 21 जन्म के संबंध की बात है इसलिए बापदादा बच्चों को समय प्रति समय अटेंशन खिचवा रहे हैं कि संगम युग की एक घडी को भी एक संकल्प को भी व्यर्थ नहीं गंवाओ क्योकि एक जन्म व्यर्थ नहीं गंवाया लेकिन 21 जन्म में व्यर्थ गंवाया। संगम युग का महत्व हर समय याद रखो।   ...अभी संगम युग में जो चाहे जितना चाहे उतना बाप से सहयोग मिल सकता है।
...संगम के एक एक सेकेण्ड का कनेक्शन 21 जन्मों का है। यंहां आपने अगर एक सेकेण्ड या एक मिनट सफल किया तो 21 जन्म आपका सफल रहेगा। गेरेंटी है।
...संगम  युग का समय बहुत प्यारा है, एक सेकेण्ड नहीं है एक  सेकेण्ड एक वर्ष की प्राप्ति समान है इसलिए बापदादा कहते ही रहते हैं की एक सेकेण्ड भी व्यर्थ नहीं जाये। एक संकल्प भी व्यर्थ नहीं जाये।    5/3/12


...संगम का समय एक-एक मिनट का कनेक्शन 21 जन्म के साथ है। और इस समय बापदादा का बच्चों से बच्चों का बाप से प्यार है। तो संगम समय का एक सेकेण्ड , सेकेण्ड नहीं है क्योंकि 21 जन्मों का कनेक्शन है। 3/4/12

गुरुवार, 14 जून 2012

बापदादा द्वारा हम बच्चों को दिए गए टायटिल

आज सर्वशक्तिवान बाप अपने मास्टर सर्वशक्तिवान बच्चों को सर्व शक्तियों का खजाना देने आयें हैं। 15/11/11

एक एक बच्चे को बापदादा आज तीव्र पुरुषार्थी का  टायटिल  दे रहा है। 30/11/11

आज बापदादा बेफिक्र बादशाहों की सभा देख रहे है।   15/12/11

अप सभी बापदादा के अभी भी राजा बच्चा और भविष्य में राजा बच्चा हो।   31/12/11

इस समय सभी स्वराज्य अधिकारी हैं अर्थात मन, बुद्धि , संस्कार , कर्मेन्द्रियों के राजा हैं।   2/2/12

आज चाहे सम्मुख चाहे दूर के सन्तुषमणि बच्चों को देख रहे हैं। 20/3/12

आज बापदादा चारों ओर के अपने बेफिक्र बादशाहों को देख रहे हैं। 3/4/12

सदा याद रखने योग्य बापदादा के अनमोल महावाक्य


...मन के मालिक ही विश्व के मालिक बनने हैं।
...दृढ़ता सफलता की चाबी है।
...जब व्यर्थ समाप्त हो जायेगा तो सदा श्रेष्ठ संकल्प का खजाना कमाल दिखायेगा।
...सफलता आप बच्चों हर एक का जन्म सिद्ध अधिकार है।   19/10/11

...बात के बजाये बाप को आगे रक्खो।
...समय की गति फास्ट हो रही है तो बच्चों के पुरषार्थ की गति भी फास्ट होना चाहिए।  15/11/11

...सबसे श्रेष्ठ है बापदादा का दिलतख्त।
...हिम्मते बच्चे एक बार तो बाप हजार बार मददगार है।उमंग है तो बापदादा का सहयोग भी है।  15/12/11

...अभी समय को , समाप्ति के समय को सामने लाओ। अब रिटर्न जरनी याद रक्खो।   31/12/11

...मन में कोई भी बात का उमंग उत्साह आता है तो वह कार्य साकार रूप में अच्छा हो जाता है।
...कहा हुआ भी  है मनजीत जगतजीत।    18/1/12

...आप सिर्फ योग लगाने वाले नहीं हो , योगी जीवन वाले हो।   2/2/12

...मेरा बाबा , मेरा बाबा दिल में समाते कहना अलग चीज है  लेकिन दिल में समाना , दिल की बात कभी भूलती नहीं है।   19/2/12

. ..जहाँ उमंग है, उत्साह है वहां सफलता है ही।    5/3/12

...जितनी ख़ुशी बाँटेंगे उतनी ख़ुशी बढ़ेगी।   20/3.12 

समय की समाप्ति का इशारा व अचानक की पार्ट

...बापदादा ने काफी समय से इशारा दे दिया है कि जो कुछ होना है वह अचानक होना है। 19/10/11

...अभी समय नाजुक आ रहा है ना इसलिए अटेंशन थोडा ज्यादा चाहिए।   15/11/11

...बापदादा सभी बच्चों को समय का इशारा दे रहें हैं। अचानक का पाठ पक्का करा रहें है,    15/12/11

...अभी समय दिन प्रतिदिन नाजुक आना ही है।
...संगम का समय अचानक समाप्त होना है।     31/12/11

...बापदादा तो बच्चों का दुःख दर्द , पुकार सुन करके बच्चों द्वारा अभी जल्दी समाप्ति कराने चाहते हैं।   18/1/12

....होना सब अचानक है।..     19/2/12

...अभी समय की गति को देख रहे हो।और बापदादा तो बहुत समय से अचानक की वार्निंग दें रहें हैं इसलिए अभी हर एक बच्चे को स्वमान देतें हैं - हर बच्चा दृढ संकल्पधारी विशेष आत्मा बनो।    5/3/12

...बापदादा बहुत समय से कह रहे हैं कोई भी हलचल अचानक आनी  है।    20/3/12

....देख रहे हो बापदादा तो कहते ही है की सब अचानक होना है।कोई बच्चें समझतें हैं अचानक अचानक भी बहुत समय हो गया है। अभी होना चाहिए। लेकिन अचानक तब हो जब बच्चें भी बाप सामान बन जांयें।  3/4/12

मंगलवार, 12 जून 2012

बापदादा द्वारा हम बच्चों प्रति डायरेक्शन

...जो कार्य आरंभ करते हो उसमे पहले द्रढ़ संकल्प का बीज डालो, उसका फल निकलना ही है।  19/10/11


...बापदादा ने दो बातें कही थी कि सेकंड में फुलस्टाप लगाने वाले बच्चे चाहिए। व्यर्थ संकल्पों का नाम निशान न रहे।जिसको भी सन्देश देते वह सन्देश सुन परिवर्तन करने के उमंग उत्साह में आ जाएँ।अब बापदादा यह रिजल्ट चाहतें हैं।इसके लिए बापदादा बच्चों को राय देते हैं , आज्ञा भी करतें हैं, कि सेवा करते हो लेकिन जिनकी भी सेवा करते हो , एक ही समय पर तीन रूपों और तीन रीति से सेवा करो।तीन रूप नालेजफुल , पावरफुल और लवफुल , इन तीन रूपों से सेवा करो और तींनो रीति से सेवा करो,वह तीन रीति हैं मन्सा - वाचा - कर्मणा एक ही समय , सिर्फ वाणी से सेवा नहीं लेकिन वाणी के साथ मन्सा सेवा भी साथ साथ हो। पावरफुल माइंड हो।
 ...तो बापदादा के कहने का यही सार है कि अभी हर एक को अपना तीव्र पुरुषार्थ कर और द्रढ़ संकल्प करना है कि मुझे बाप सामान बनना ही है ...  15/11/11


बापदादा ने पहले भी सुनाया है कि दो बातों का विशेष अटेंशन दो। दो बातें कौन सी ? याद है ना ! एक समय और दूसरा संकल्प।संकल्प व्यर्थ न जाये, समय व्यर्थ न जाये।एक एक सेकेण्ड सफल हो।
 ...अभी यही विशेष अटेंशन दो, अपने आप अपना प्रोग्राम बनाओ, जिसमे सारा दिन मन को बिजी रखो।
 ...अभी हर को दृढ संकल्प कर रोज बापदादा को अपनी रिजल्ट सारे दिन की कैसी देनी है ? तीव्र पुरुषार्थ की।
....रहम दिल बनो। दुखियों को सुख का रास्ता बताओ , चाहे मन्सा से चाहे वाचा से, चाहे सम्बन्ध - सम्पर्क से। अपना परिवार है ना ! तो परिवार का दुःख मिटाना है। रहम दिल बनो।
...हर एक को वारिस निकलने की जिम्मेवारी है।   31/11/11


... एक जन्मों में अनेक जन्मों की प्रालब्ध बनानी है  इसलिए बापदादा ने इशारा दिया था तो संगम के  समय में दो बातों का हर समय अटेंशन देना है। वह दो बातें तो याद होंगी - समय और संकल्प।
   बापदादा ने पहले भी इशारा दिया है की अभी समय अनुसार तीव्र पुरुषार्थी बनने की आवश्यकता है। तीव्र  पुरुषार्थी बनने के लिए मुख्य पुरुषार्थ है  सेकेण्ड में बिंदी लगाना।सेकेण्ड और बिंदी दोनों सामान।15/12/11


मन के लिए यह दृढ संकल्प करना है कि कभी भी किसी के प्रति भी किसी भी  सरकमस्टांस प्रमाण कोई भी  संकल्प न कर सदा हर आत्मा के प्रति शुभ भावना, शुभ कामना रखनी ही है।
...बापदादा इस पुराने वर्ष के साथ इस वृत्ति  वा दृष्टि को हर बच्चे से विदाई चाहते है।
..अमृतवेले जब याद में बैठते हो  जब उठने का समय होता है उस समय बापदादा का यह वरदान अपने दिल में याद रखना  तीव्र पुरुषार्थी भव।
फ़रिश्ता बनना ही है यह दृढ संकल्प हर एक अपने आप से करे क्योंकि अपने आप से करेंगे तो अटेंशन रहेगा।                31/12/11


....अभी तीव्र पुरुषार्थी बनना और बनाना , संपन्न बनना और बनाना, इस प्वाईंट के ऊपर भी अभी स्वयं भी उमंग-उत्साह में रहना और वायुमंडल में भी उमंग-उत्साह दिलाना।
..अमृतवेले को पवारफुल बनाओ।
..मन को ऐसे चलाओ जैसे पांव और बांह को चलाते हो।  ...पुरुषार्थ सब कर रहे हैं लेकिन अभी एड करो तीव्र।करना ही है, करेंगें , देखेंगें... यह गे-गे नहीं चलेगा।
..कभी भी कोई भी बहने अपने आप को सिर्फ शक्ति नहीं , शिवशक्ति समझो। शिवशक्ति , बाप साथ है। पांडव से पांडवपति साथ है।   18/1/12


पहले भी सुनाया अब ज्वालामुखी योग की आवश्यकता है, जिससे डबल काम होगा।एक तो अपने पुराने संस्कार का संस्कार हो जायेगा, अभी संस्कारों को मारते हो लेकिन जलाते नहीं हो। मरने के बाद फिर भी कभी-कभी वह जाग जातें हैं। जैसे रावण को सिर्फ मारा नहीं, जलाया। ऐसे आप भी अपने पुराने संस्कारों को जो बीच-बीच में तीव्र पुरुषार्थ में कमी कर देते हैं,उसके लिए ज्वालामुखी योग की आवश्यकता है।एक स्वंय के लिए और दूसरा ज्वालामुखी योग औरों को भी लाइट रूप होने के कारण  , माईट रूप होने के कारण  को उन्हों को भी  किरणों  द्वारा सहयोग दे सकते हो।
 ...बापदादा चाहता है एक -एक बच्चा ऐसा खुशनुमा , खुशनशीब दिखाई दे, चेहरे चलन से क्योंकि समय प्रमाण अभी आपका चेहरा बहुत सेवा करेगा।    2/2/12


...बाप भी चाहतें है कि अभी गेट खोलने के लिए सभी बच्चों को बेहद की वैराग्य वृति चाहिए। यही चाबी  है गेट खोलने की।    19/2/12


...बापदादा आज स्पष्ट सुना रहे हैं ,कि आप और बातें नहीं सोचो यह कैसे होगा, यह क्या होगा, आप अपने को योग्य आत्मा बनाओ। कर्मयोगी आत्मा बनाओ।बाकी बाप हर बच्चे  को ऐसा योग्य बच्चा जो बनेगा उसको सर्व प्राप्ति का वरदान भी दे के आगे बढ़ाएगा,पीछे नहीं रखेगा।
...बापदादा हर बच्चे को यही शिक्षा देने चाहते हैं कि  सदा खुश रहो और ख़ुशी बांटो। जितनी ख़ुशी बांटेगें उतनी ख़ुशी बढ़ेगी।आपको खुशनुमा देख दुसरे भी 5 मिनट के लिए तो खुश होवें।दुखी आत्माएं अगर आपको देख करके 5 मिनट भी खुश हो जाएँ तो उन्हों के लिए तो बहुत दिलपसंद बात है।
...बापदादा सभी के लिए कहतें हैं कि बीच बीच में समय निकाल के चाहे पुराने चाहे नये सभी को एकदम अशरीरी बनने की जरुर करनी है क्योंकि आने वाले समय में सेकेण्ड में अशरीरी बनना ही पड़ेगा।  20/3/12


...यह 5 - 6 मास आप सभी को विश्व के आगे दुखी आत्माओं को पावरफुल वृति द्वारा सुख शांति की किरणे देनी हैं। इसी  में ही अपना मन बिजी रखना है।
...इस सीजन में बापदादा ने पहले भी कहा है कि दो बातों का ध्यान रखना है एक तो संकल्प दूसरा समय।
...समय और संकल्प को सफल करना ही है।व्यर्थ नहीं जाये।    3/4/12

शनिवार, 9 जून 2012

विश्व की आत्माओं को सन्देश दो

...बाप आया और बच्चों को पता भी नहीं पड़े ,तो यह उल्हना मिलेगा ना इसलिए सन्देश देना आपका काम है,उल्हना नहीं मिले,अपने मोहल्ले में भी,ऐसे नहीं सुनते नहीं हैं,सन्देश जरुर सबको पहुंचना चाहिए। कोई उल्हना नहीं दे।   15/11/11




...आपका इस समय के प्रमाण कार्य है विश्व की आत्माओं को सन्देश देने का।
सन्देश तो देना ही है नहीं तो उल्हना मिलेगा। 15/12/11